जागरण कैसे निकाल सकता है पहला राष्‍ट्रीय हिंदी बिजनैस अखबार

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दैनिक जागरण का कहना है कि जागरण व नेटवर्क 18 भारत का पहला राष्‍ट्रीय हिंदी बिजनैस अखबार शुरू करने जा रहे है। लेकिन इसे पहला राष्‍ट्रीय हिंदी बिजनैस अखबार नहीं कहा जा सकता।हमारे देश में बिजनैस पत्रकारिता की शुरुआत मुंबई के जन्‍मभूमि समूह ने की। इस समूह ने व्‍यापार अखबार गुजराती में निकाला जो आज सप्‍ताह में दो बार प्रकाशित होता है। इसके बाद समूह ने व्‍यापार हिंदी शुरू किया जो साप्‍ताहिक है। गुजराती में बिजनैस अखबार आने के बाद ही हमारे देश में अंग्रेजी में बिजनैस अखबार आए। इस तरह भारत में बिजनैस पत्रकारिता की शुरूआत गुजराती भाषा के अखबार से हुई। इसके पहले संपादक श्री गिलानी भाई के योगदान को देश की आर्थिक पत्रकारिता नजर अंदाज नहीं कर सकती। उन्‍होंने देश की आजादी के साथ ही यह मान लिया था कि भारत फिर से विश्‍व में आर्थिक महासत्‍ता बनने की हैसियत रखता है और उन्‍होंनें प्रबंधन के नकार देने के बावजूद बिजनैस अखबार यह भरोसा दिलाकर शुरू करवाया कि आने वाला समय इसका ही है, और आज यही हो रहा है। इस अखबार के दूसरे संपादक और गिलानी भाई के साथ सहायक संपादक रहे शशिकांत वसानी ने हिंदी ने बिजनैस अखबार व्‍यापार को चालू करवाया। इसलिए एक गुजराती संपादक शशिकांत वसानी का हिंदी के प्रति इस तरह का मोह होना प्रशंसा के लायक है।दैनिक बिजनैस अखबारों की बात करें तो दिल्‍ली से कई अखबार निकल रहे हैं। लेकिन पूरी तरह से व्‍यवस्थित शुरुआत बिजनैस दैनिक अखबार इंदौर से प्रकाशित नई दुनिया ने भावताव दैनिक के साथ की। हालांकि, यह अखबार कई साल तक प्रकाशित होता रहा और उस समय बिजनैस खबरों का बड़ा क्रेज न होने से बंद हो गया। साथ ही यह अखबार मध्‍य प्रदेश तक सीमित होने से इसे राष्‍ट्रीय बिजनैस अखबार नहीं कहा जा सकता। लेकिन राष्‍ट्रीय हिंदी दैनिक अमर उजाला ने अमर उजाला कारोबार दैनिक की शुरूआत की जिसे भारत का पहला बिजनैस दैनिक राष्‍ट्रीय अखबार कहा जा सकता है। इस अखबार का अपना रिपोर्टिग व डेस्‍क पर बड़ा नेटवर्क था और भारत के हर मध्‍यम से बड़े शहर में ब्‍यूरो था। साथ ही अंग्रेजी के बिजनैस अखबारों में लिखने वाले स्‍तंभकार भी यहां लिखते थे। रविवार को पूरा एक परिशिष्‍ट भी इसमें आता था जिसमें उम्‍दा सामग्री होती थी। यह अखबार उत्‍तर भारत तक ही नहीं अन्‍य राज्‍यों में भी आसानी से मिल जाता था इसलिए प्रसार संख्‍या के हिसाब से भी इसका फैलाव अधिक था। हालांकि, शेयर बाजार की मंदी और लोगों का टेस्‍ट कमजोर होने से इसका अमर उजाला में विलय हो गया। या आप इसे कह सकते हैं बंद हो गया। हालांकि इसके पूरे स्‍टॉफ को अमर उजाला में नौकरी पर रख लिया गया। हिंदी का इकॉनामिक टाइम्‍स अमर उजाला कारोबार को कहा जा सकता है। दैनिक जागरण का कहना है कि जागरण व नेटवर्क 18 भारत का पहला राष्‍ट्रीय हिंदी बिजनैस अखबार शुरू करने जा रहे है। इसे पहला राष्‍ट्रीय हिंदी बिजनैस अखबार नहीं कहा जा सकता।

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