Holi hai
सच है, नहीं ठिठोली है चेहरों पर रंगोली है देश देश में गाँव गाँव में होली है भई होली है पत्रिकाओं में अखबारों में गली गली में चौबारों में हम मस्तों की टोली है होली है भई होली है कहीं रंग है कहीं भंग है बड़ी उमंग में कहीं चंग है मौसम भी हमजोली है होली है भई होली है कहीं राग है कहीं फाग है चौरस्ते होलिका आग है ठंडाई भी घोली है होली है भई होली है धूप धूप में छाँह छाँह में हर अंजुरी हर एक बाँह में गुझिया पूरनपोली है होली है भई होली है ऋतुओं पर ठहरा गुलाल है रंग रंगा हर नौनिहाल है कोयल कूहू बोली है होली है भई होली है नया घाघरा नई कुर्तियाँ नये पजामे नई जूतियाँ चूड़ी चुनरी चोली है होली है भई होली है -पूर्णिमा वर्मन